NH-21 Blocked Due to Heavy Landslide : कुल्लू मनाली व हिमाचल के अन्य कई शहरों से दिल्ली चंडीगढ़ का संपर्क पूरी तरह टूटा

 

हाल ही में हुए भयंकर बारिश के प्रकोप के बाद नेशनल हाईवे-21 (NH-21) पर भारी भूस्खलन की घटनाएं सामने आईं। यह हादसा खासकर मंडी के पास औट और पंडोह के बीच के हिस्से में हुआ, जहाँ पहाड़ से बड़े-बड़े पथरो के साथ-साथ भारी मलबा सड़क पर आ गया है और मार्ग कई जगहों से पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो चूका है। इसके चलते हाईवे पर यातायात पूरी तरह ठप हो गया। यह मार्ग दिल्ली, चंडीगढ़ और अन्य राज्यों को कुल्लू-मनाली से जोड़ने वाला मुख्य रास्ता है।



स्थानीय लोगों को हो रही भारी परेशानी

NH-21 के बाधित होने से सबसे ज़्यादा ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोग प्रभावित हो रहे हैं। कुल्लू, मंडी, औट, पंडोह और आसपास के कई गांवों और कस्बों में रहने वाले लोग बुरी तरह प्रवहाबित हो रहे है। इसके चलते स्कूल जाने वाले बच्चों की बसें बंद हैं, मरीजों को इलाज के लिए शहर तक पहुँचाना मुश्किल हो गया है, और दफ्तर जाने वाले लोग भी फंसे हुए हैं। कुछ लोग कई किलोमीटर तक पैदल चलने को मजबूर हैं, क्योंकि वैकल्पिक रास्ते भी खराब हालात में हैं।

 पर्यटकों की आवाजाही पर असर

मनाली की ठंडी वादियों का आनंद लेने आए सैलानी सड़कें बंद होने से घंटों तक जाम में फंसे रहे। NH-21 पर भूस्खलन और तेज बारिश के चलते करीब 2,500 गाड़ियाँ मंडी के पास अटक गईं। व्यास नदी के उफान से कई पुल बह गए, जिससे सड़क मार्ग पूरी तरह ठप हो गया है। पर्यटकों के साथ-साथ होटल और टूरिज़्म सेक्टर को भी भारी नुकसान उठाना पड़ा है। प्रशासन की टीमें राहत कार्य में जुटी हैं, लेकिन यात्रा फिलहाल जोखिम भरी बनी हुई है। फंसे हुए लोगों के राहत कार्य में स्थानीय लोग भी बढ़-चढ़कर हिस्सा ले रहे हैं। कई जगहों पर ग्रामीणों ने यात्रियों को भोजन, पानी और आवश्यक सामान मुहैया करवा रहे है। 

आवश्यक सेवाओं की आपूर्ति में रुकावट

वर्तमान में पानी, बिजली और दवाई जैसी मूलभूत सुविधाओं की आपूर्ति में भी अवरोध आने लगे हैं। कई इलाकों में पेयजल योजनाएँ ठप हो गई हैं, ट्रांसफॉर्मर खराब हो गए हैं, जबकि मोबाइल नेटवर्क और बिजली कटौती आम हो गए हैं। दूध, सब्जी और गैस जैसी रोजमर्रा की वस्तुओं की सप्लाई प्रभावित है। हालांकि प्रशसन राहत कार्यों में जुटा हुआ है। 

प्रशासन की कार्रवाई और राहत कार्य

राज्य सरकार और जिला प्रशासन ने राहत एवं पुनरुद्धार कार्य तेज कर दिए हैं। PWD और SDRF/SDMA टीमों ने जेसीबी मशीनों व अन्य उपकरणों से मलबा हटाना और मार्ग बहाल करना शुरू कर दिया है। हालांकि, लगातार बारिश और भूस्खलन की आशंकाओं के कारण यह कार्य चुनौतीपूर्ण बना हुआ है। प्रशासन ने यात्रियों को अतिरिक्त सतर्क रहने की हिदायत जारी की है।

सड़क को बहाल करने में लगने वाला समय

विशेषज्ञों के अनुसार, प्रभावित NH‑21 को पूरी तरह बहाल करने और यातायात सुचारू करने में कुछ दिन (2–4 दिन) या अधिक समय लग सकता है यदि मौसम पूर्ण रूप से सामान्य बना  रहता तो। मॉनसून के मौसम में पुनः भूस्खलन की संभावनाएँ बनी रहने के कारण कार्य की गति पर असर पड़ सकता है।

भविष्य के लिए क्या तैयारी ज़रूरी है?

भविष्य में ऐसे आपदाओं से निपटने के लिए आवश्यक है कि:

  • भूस्खलन संवेदनशील क्षेत्रों पर सतत निगरानी हो।

  • जल निकासी व्यवस्था और विकल्पी मार्गों का निर्माण किया जाए।

  • पर्यटकों और स्थानीय लोगों के लिए मौसम अपडेट उपलब्ध कराना अनिवार्य हो।

  • मार्ग निर्माण में इंजीनियरिंग मानकों पर कड़ाई से काम हो।

  • कोर्ट ने भी अनियंत्रित निर्माण मलबा न फेंके जाने के आदेश दिए हैं—यह पर्यावरण संरक्षण और जन सुरक्षा के लिए जरूरी है।

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