पंजाब इस समय बाढ़ की भीषण चपेट से जूझ रहा है। पिछले एक महीने से लगातर हो रही भारी बारिश की वजह से नदियों के उफान ने राज्य के कई ज़िलों में जनजीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त कर दिया है। आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, 12 ज़िलों के हज़ारों गाँव जलमग्न हो चुके हैं और करीब ढाई लाख से अधिक लोग सिर्फ अगस्त माह में ही बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। कई जगह से लोग पलायन करने को मजबूर हो चुके हैं। हालाँकि बीते दिन और आज की भारी बारिश के बाद मौसम विभाग ने एक बार फिर से स्तिथि की गंभीरता को देखते हुए प्रदेश के कई जिलों के लिए रेड अलर्ट जारी कर दिया है।
जनहानि और लापता लोग
पिछले 30 दिनों में बाढ़ ने 29 लोगों की जान ले ली है। इनमें सबसे ज्यादा मौतें पठानकोट ज़िले में दर्ज की गईं। अमृतसर, बरनाला, होशियारपुर और मानसा में भी कई लोगों ने जान गंवाई है। इसके अलावा, तीन लोग अब भी लापता बताए जा रहे हैं, जिनकी तलाश प्रशासन और राहत एजेंसियाँ लगातार कर रही हैं।
राहत और बचाव अभियान
बाढ़ से प्रभावित इलाकों में राहत और बचाव कार्य तेज़ी से जारी है। अब तक 15,600 से अधिक लोगों को सुरक्षित स्थानों पर निकाला जा चूका है। राज्यभर में 120 से अधिक राहत शिविर खोले गए हैं। इनमें से सबसे अधिक कैंप गुरदासपुर, होशियारपुर और पठानकोट में स्थापित किए गए हैं। शिविरों में प्रभावित परिवारों को खाना, पीने का पानी, दवाइयाँ और अस्थायी आश्रय उपलब्ध कराया जा रहा है।हालाँकि प्रशासन को राहत कार्यों में सेना और NDRF की टीमों का सहयोग मिल रहा है। नावों और हेलीकॉप्टरों की मदद से लगातार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुँचाया जा रहा है। कई ग़ैर-सरकारी संस्थाएँ और स्वयं सेवी संघटन भी राहत कार्य में बढ़चढ़ कर योगदान दे रहे हैं।
सबसे अधिक प्रभावित जिले
गुरदासपुर (321 गाँव), कपूरथला (115 गाँव), अमृतसर (88 गाँव) और होशियारपुर (94 गाँव) सबसे ज्यादा प्रभावित रहे हैं। इन इलाकों में खेत, घर और सड़कें पानी में डूब चुकी हैं, जिससे लोगों का सामान्य जीवन पूरी तरह रुक गया है।
खेती और पशुधन पर असर
बाढ़ का असर पंजाब की कृषि पर सबसे भारी पड़ रहा है। शुरुआती रिपोर्टों के अनुसार, करीब 60,000 हेक्टेयर फसल जलमग्न हो चुकी है। धान की फसल सबसे ज्यादा प्रभावित हुई है, जिससे किसानों को करोड़ों का नुकसान उठाना पड़ सकता है। इसके अलावा, पशुधन की बड़ी हानि भी दर्ज की गई है, जिसका असर ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर लंबे समय तक दिखाई देगा।
सरकार की तैयारी
हालात पर काबू पाने के लिए पंजाब सरकार ने विशेष बाढ़ नियंत्रण केंद्र स्थापित किए हैं। राज्य सरकार का कहना है कि राहत और बचाव कार्य युद्धस्तर पर चल रहे हैं और प्रभावित लोगों को हर संभव सहायता दी जा रही है। अधिकारियों के मुताबिक, जैसे ही पानी घटेगा, इन्फ्रास्ट्रक्चर और संपत्ति के नुकसान का विस्तृत आकलन किया जाएगा।