आज के समय में जब हर कोई तेज़ और आरामदायक सफर चाहता है, तो सरकार भी भारत के हर कोने को जोड़ने में लगी है। ऐसे ही एक बड़े प्रोजेक्ट का नाम है — Greenfield Corridor Expressway जो चंडीगढ़, मोहाली, कुराली और अंबाला को आपस में जोड़ेगा।
यह सिर्फ एक सड़क नहीं बल्कि पूरे पंजाब-हरियाणा क्षेत्र की आर्थिक धड़कन (economic lifeline) बनने जा रही है।
🔹क्या है Greenfield Expressway?
Greenfield Expressway का मतलब होता है – ऐसी सड़क जो पूरी तरह नए रूट पर बनाई जाती है, यानी पहले से मौजूद सड़क को चौड़ा नहीं किया जाता, बल्कि बिल्कुल नई लाइन पर तेज़ रफ्तार वाला रास्ता बनाया जाता है।
👉 इसका मकसद है —
- ट्रैफिक जाम को कम करना
- यात्रा का समय घटाना
- और बड़े शहरों के बीच smooth connectivity देना
Chandigarh-Ambala Greenfield Corridor इसी सोच का हिस्सा है, जो लगभग 61 किलोमीटर लंबा और 6-लेन चौड़ा है।
🔹Project की जानकारी
विवरण | जानकारी |
---|---|
लंबाई (Length) | लगभग 61.23 किलोमीटर |
लेन (Lanes) | 6 लेन |
लागत (Estimated Cost) | ₹3,100 करोड़ (लगभग) |
किसके तहत बन रहा है | भारतमाला परियोजना (Bharatmala Pariyojana) |
मुख्य शहर जुड़ेंगे | चंडीगढ़, मोहाली, कुराली, अंबाला |
संभावित पूरा होने की तारीख | नवंबर 2025 (अनुमानित) |
मुख्य एजेंसी | NHAI (National Highways Authority of India) |
🔹इस प्रोजेक्ट की ज़रूरत क्यों पड़ी?
अगर आप चंडीगढ़ या मोहाली में रहते हैं, तो आपको पता होगा कि सुबह-शाम के वक्त ट्रैफिक जाम से निकलना किसी चुनौती से कम नहीं।
Airport Road, Zirakpur , Kharar, Kurali जैसे रूट्स पर रोजाना हजारों गाड़ियाँ चलती हैं।
इसलिए Greenfield Expressway की ज़रूरत साफ थी — एक ऐसा रास्ता जो बिना शहरों के बीच से गुज़रे, सीधे destination तक पहुँचा दे।
👉 मुख्य फायदे:
1. समय की बचत: चंडीगढ़ से अंबाला या दिल्ली जाने का समय आधा हो जाएगा।
2. ट्रैफिक में राहत: मोहाली, खरड़ और ज़ीरकपुर जैसे इलाकों में लोकल ट्रैफिक काफी कम होगा।
3. व्यापार को बढ़ावा: इस एक्सप्रेसवे के आस-पास नए बिज़नेस पार्क, वेयरहाउस और इंडस्ट्रियल एरिया बन सकते हैं।
4. रियल एस्टेट में बूम: नई सड़क के आसपास ज़मीनों की कीमत बढ़ने की उम्मीद है, जिससे लोकल लोगों को फायदा होगा।
🔹अब तक का काम और देरी का कारण
Greenfield Corridor का ज़्यादातर काम लगभग पूरा हो चुका है, लेकिन कुछ हिस्सों में बिजली की लाइनों (EHT Lines) और utility shifting का काम बाकी है।
इसी वजह से इसका उद्घाटन बार-बार टलता गया।
अब NHAI ने नया लक्ष्य रखा है कि नवंबर 2025 तक सड़क पूरी तरह चालू कर दी जाएगी।
🔹स्थानीय चुनौतियाँ — जमीन, पर्यावरण और लोग
बड़े प्रोजेक्ट्स में हमेशा तीन चुनौतियाँ आती हैं —
1. जमीन अधिग्रहण (Land Acquisition)
कई किसानों ने मुआवज़े की रकम में देरी की शिकायत की है।
2. पर्यावरण प्रभाव (Environmental Impact)
सड़क के लिए पेड़ों की कटाई और नई हरियाली लगाना (compensatory afforestation) जरूरी है।
3. स्थानीय असुविधा (Public Disturbance)
निर्माण के दौरान धूल, शोर और ट्रैफिक डायवर्जन जैसी दिक्कतें लोगों को झेलनी पड़ती हैं।
🔗 ज्यादा जानकारी के लिए देखें:NHAI Official Website
🔹भारत की बड़ी योजना – Greenfield Expressways का नेटवर्क
भारत सरकार ने देशभर में करीब 25 Greenfield Expressways (10,000 km से ज्यादा) बनाने की योजना तैयार की है।
इनका मकसद है — लॉजिस्टिक्स कॉस्ट कम करना, राज्यों के बीच व्यापार बढ़ाना और यातायात को सुरक्षित बनाना।
चंडीगढ़-अंबाला ग्रीनफील्ड भी इन्हीं में से एक अहम हिस्सा है।
🔹इस प्रोजेक्ट से जुड़ी मुश्किलें
हर बड़े प्रोजेक्ट के साथ कुछ जोखिम भी आते हैं:
- Construction Delay: बारिश और बिजली-पानी की लाइनों की shifting से काम में देरी होती है।
- खर्च बढ़ना: Delay होने पर cost automatically बढ़ जाती है।
- पर्यावरणीय नियम: अगर पेड़ों की भरपाई सही समय पर न हुई, तो NGT जैसी संस्थाएँ रोक लगा सकती हैं।
- कानूनी विवाद: ज़मीन के मुआवज़े को लेकर कुछ केस अदालत में भी जा सकते हैं।
🔹सरकार को क्या कदम उठाने चाहिए?
1. किसानों का भरोसा जीतना: मुआवज़े की रकम जल्दी और पारदर्शी तरीके से दी जाए।
2. सुविधाएँ पहले से प्लान करना: बिजली, पानी, गैस जैसी लाइनों का shifting पहले ही कर दिया जाए।
3. पर्यावरण का ध्यान: जितने पेड़ कटेंगे, उतने या उससे ज्यादा नए लगाए जाएँ — और उसकी निगरानी भी हो।
4. फेज-वाइज़ ओपनिंग: जो हिस्सा पूरा है, उसे जनता के लिए पहले खोल दिया जाए, ताकि राहत जल्द मिले।
🔹स्थानीय लोगों के लिए इसका मतलब क्या है?
Greenfield Expressway सिर्फ एक रोड नहीं, बल्कि पंजाब की तरक्की का रास्ता है।
जब यह चालू होगा तो –
मोहाली से अंबाला का सफर 30–35 मिनट में हो जाएगा,
ट्रक और मालवाहक गाड़ियाँ सीधे रास्ते से गुजरेंगी,
और आसपास के शहरों में नए रोज़गार के मौके बनेंगे।
लोगों के लिए ये road समय बचाने के साथ-साथ नए बिज़नेस और इंफ्रास्ट्रक्चर डेवलपमेंट का जरिया भी बनेगा।
Greenfield Corridor Expressway आने वाले समय में पंजाब-हरियाणा-चंडीगढ़ रीजन के लिए game changer साबित होगा।
जहाँ आज ट्रैफिक, धूल और देरी है, वहीं कल speed, safety और smart connectivity होगी।
बस ज़रूरत है कि सरकार, ठेकेदार और जनता — तीनों मिलकर इसे समय पर पूरा करें।
अगर सब सही चला तो यह expressway न सिर्फ रास्ता छोटा करेगा, बल्कि पंजाब की अर्थव्यवस्था को भी लंबा उड़ान देगा।